अपनों ने दिया धोखा
अपनों ने दिया धोखा
ना किसी के ऊपर कोई उम्मीद है
ना है किसी अजनबी का इंतजार
मुझे तो अपनों ने धोखा
दिया है हरबार...
किसी क़ो क्या बताऊं क्या गुजरी
मेरे ऊपर
कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है
दिल मेरा जला बारबार..
सुना था मौत आने पर दुश्मन की
आँखों भर जाते हैं
यहाँ अपनों ने दिल पर खंजर मारा
जीते जी मेरे अंतिम संस्कार कर लेते हैं..