खुदा
खुदा
लगे चोट जितने दर्द होने नही देता
मेरा खुदा मुझे कभी रोने नही देता।
सुलाता है सीने पर बांहों में कस के
ये मुझे कभी कोई बिछौने नही देता।
खून पसीने एक कर जुटाता निवाले
मेरा खुदा कभी भूखा सोने नही देता।
खुशियों के खातिर ठिठुरता है ठंड में
खिलौने मिठाई को तरसने नही देता।
पिता ही जमीं का खुदा है हमारा
ये कमी किसी चीज की होने नही देता।
