GHANSHYAM BADAL

Tragedy

3.9  

GHANSHYAM BADAL

Tragedy

बहुत याद आते हैं वें लम्हे......

बहुत याद आते हैं वें लम्हे......

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बहुत याद आते हैं वें लम्हे,

जो बिताए थे संग हमने,

बड़े रंगीन थे वें लम्हे,

भरे थे जिनमें रंग हमने।


चुरा कर रंग ले गया,

वक़्त का जालिम मुसाफिर,

लड़ी थी उससे बहुत दिन 

प्यार की प्यारी जंग हमने।


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