के किसको बनाने के खातिर हम किसको मिटाना चाहते हैं। के किसको बनाने के खातिर हम किसको मिटाना चाहते हैं।
जो मेरा बाप है, क्या, मैं उसका अंश नहीं हूँ, माँ तू सुन रही हे ना..। जो मेरा बाप है, क्या, मैं उसका अंश नहीं हूँ, माँ तू सुन रही हे ना..।
न जाने किसकी दुआ, कितनी साँस लिये बैठे हैं। न जाने किसकी दुआ, कितनी साँस लिये बैठे हैं।
देरी सिर्फ वो चिगांरी उठने की है रण का भी आगाज लिये बैठी है। देरी सिर्फ वो चिगांरी उठने की है रण का भी आगाज लिये बैठी है।
वो कभी इंसान होता है तो कभी ख्याल। वो कभी इंसान होता है तो कभी ख्याल।
गुस्सा के जितना हो मुझ को तू दिखा सकता है। गुस्सा के जितना हो मुझ को तू दिखा सकता है।