नन्हीं की पुकार
नन्हीं की पुकार
माँ मैं भी तेरी लाडली हूँ ना
ऐ माँ तू सुन रही हे ना
गर्भ में आते ही क्यों कर,
माँ मुझे मारने के लिए,
तुझे मजबूर किया जाता है,
मैं भी बाबा, दादी की दुलारी,
बन चहकना चाहती हूँ,
तेरे अंगना में तितली,
बन उड़ना चाहती हूँ।
माँ तू सुन रही हे ना,
तेरी परछाई बन तुझसा,
बनना चाहती हूँ।
माँ तू अब उठ खड़ी हो
इन ज़ालिम क़ातिलों के,
के सामने बन दुर्गा,
कर दे नरसंहार इनका
जो तुझसे छीने गर्भ में
आई तेरी नन्हीं कली,
को मार देने के लिए,
तू पूछ उस आदमी से,
जो मेरा बाप है, क्या,
मैं उसका अंश नहीं हूँ,
माँ तू सुन रही हे ना..।
