क्या फ़ायदा
क्या फ़ायदा
जब जीते जी ही तन छुपाने के लिए मिला न कपड़ा कोई,
तो मरने के बाद मंहगा कफ़न डालने का क्या फ़ायदा।
अगर फूलों से दोस्ती निभा नहीं सकते,
तो कांटों को दोस्त बनाने का क्या फ़ायदा।
अगर मुंह पर प्यार और दिल में नफरत हो,
तो ऐसे झूठे इकरार सुनाने का क्या फ़ायदा।
दिल अगर दुखों से घिरा हो,
तो होंठों पर हंसी लाने का क्या फ़ायदा।
गरीब पानी के लिए तड़पता मर जाए,
तो मरने के बाद मुंह में पानी डालने का क्या फ़ायदा।
जिसने आंसुओं के साथ ही बह जाना,
आंखों में ऐसा काजल लगाने का क्या फ़ायदा।
अगर दोस्ती दिल से निभा नहीं सकते,
तो स्वार्थ के लिए दोस्त बनाने का क्या फ़ायदा।
