ए.सी
ए.सी
गर्मियों के मौसम में,
हमें ए.सी का ही ख्याल आए।
क्यूं तेरा चलना है जरूरी,
ये अहसास दिलाए।
तेरी ठंडी हवा की,
खुशी बेहिसाब थी।
तुझे बंद करने का,
ग़म बेमिसाल आए।
मैं जो तेरी हवा से दूर हूं,
क्यूं दूर मैं रहूं.....
आ तू पास में मेरे,
आ के गर्मी से राहत दिला।
तू सहारे सा मिला,
क्यूं वो सहारा छोड़ दूं.....
गर्मियों के.....
थोड़ा सा बेहाल हो,
गया गर्मी से।
थोड़ा सा तुझ पे भी,
गुस्सा आए।
है ये गर्मी, है ये मुसीबत,
कैसे रह लूं मैं बिन तेरे.....
मेरी अब पंखों से है अनबन,
क्यूं चलते हैं ये इतने धीरे।
ये जो पंखे चलते हैं,
ज़ख्मों पर नमक छिड़कते हैं।
क्यूं मैं गर्मी से मरूं......
पसीना देगा बता,
हर सांस में तेरी ही बात है।
जुदा रहूं कैसे तुझसे,
तू ही तो मेरी गर्मी का इलाज है।
गर्मियों के..........
गाने का नाम:- बेख्याली
फिल्म:- कबीर सिंह