रिश्तों की है यही धरोहर फिर क्यूं मुझको भूल गए तुम। रिश्तों की है यही धरोहर फिर क्यूं मुझको भूल गए तुम।
अनबन थी एक छोटी सी फ़िर टूट गया हर वास्ता अनबन थी एक छोटी सी फ़िर टूट गया हर वास्ता
जब मिलते नहीं हो मन जब विचारों की हो अनबन जब मिलते नहीं हो मन जब विचारों की हो अनबन
सीधा सादा भोला भाला और स्वभाव से निराला रहता हूँ मैं जनम से धनबाद में। सीधा सादा भोला भाला और स्वभाव से निराला रहता हूँ मैं जनम से धनबाद में।
है ये गर्मी, है ये मुसीबत, कैसे रह लूं मैं बिन तेरे है ये गर्मी, है ये मुसीबत, कैसे रह लूं मैं बिन तेरे
झूम रहा है सारा जहां पर मन में एक अनबन सी है। झूम रहा है सारा जहां पर मन में एक अनबन सी है।