विश्वास
विश्वास
बुरे समय में करते याद
अच्छे समय में जाते भूल
जब समय पर नहीं हों काम
जब मन से हों परेशान
तब बनाना होगा विश्वास
उस परमात्मा पर
जो हैं पालनहार जगत के
जिनकी मर्ज़ी के बिना
हिलता नहीं एक पत्ता भी
करना होगा विश्वास सदा
उस अनंत ईश्वर पर।
जब मिलते नहीं हो मन
जब विचारों की हो अनबन
जब लोगों का आपस में
बनता नहीं हो सामंजस्य
तब करना होगा विश्वास
अपने आप पर
करना होगा समझौता भी
समय पर मिलाकर अपने कदम।
विश्वास है एक आधार
आपसी समझदारी का
आपसी मेल मिलाप का
आपसी सौहार्द बनाने का
विश्वास रखें अपने आप पर
अपने किये कामों पर
तभी मिलेगी सफलता
यही है राज़ विश्वास का।
