STORYMIRROR

Maneesha Agrawal

Inspirational Others

4  

Maneesha Agrawal

Inspirational Others

मनहरण घनाक्षरी: नारी

मनहरण घनाक्षरी: नारी

1 min
117

नारी तेरे रूप बड़े, लगते हैं अति भले।

बहन तू बेटी माता, शीश तो नवाइए।।


प्रेम मूर्ति कही जाती, सबके है मन भाती।

मार फिर है क्यूॅं खाती, कारण बताइए।।


करती वो सारा काम, दिन रात और शाम।

थकती वो कभी नहीं, बात मान जाइए।।


ममता की वो मूरत, देवी जैसी है सूरत।

पूजा चाहे नहीं वह, ध्यान देने आइए।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational