नैतिकता
नैतिकता
4 जून की कहूँ कहानी, अपने मन की बात,
ध्यान लगाकर परमपिता का, की दिन की शुरुआत
कुछ अपनों को संबल देकर, कुछ की सुनकर बात
धीरे-धीरे दिन ढलता है, दिखने लगती रात,
मानवता की सेवा करके, स्वार्थ भाव से ऊपर उठके,
नैतिकता का फर्ज निभाना होगा...
भारत को स्वर्ग बनाना होगा।
