पछतावा अतीत नहीं बदल सकता
पछतावा अतीत नहीं बदल सकता
पछतावा अतीत नहीं बदल सकता
और चिंता भविष्य नहीं संवार सकतीं।
इसलिए वर्तमान का आनन्द लेना ही जीवन का
सच्चा सुख है ।
जीवन में सुख व आनंद मिले तो शुक्र करो
ना मिले तो सब्र
किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस
हालात में जी रहे हैं।