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Rampratap Bishnoi 29

Action Classics Fantasy

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Rampratap Bishnoi 29

Action Classics Fantasy

हर रिश्ता प्यार का

हर रिश्ता प्यार का

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प्यार किसी एक रिश्ते का गुलाम नहीं है,

इंसान का हर रिश्ता है प्यार का हकदार।

हर रिश्ता प्यार से ही पलता और चलता,

अकेला प्यार ही है, हर रिश्ते का श्रृंगार।

प्यार किसी एक रिश्ते………


यह दिखाने से ज्यादा निभाने की चीज है,

प्यार ही होता कहीं, हर रिश्ते का आधार।

जो सच्चा प्यार करते, हर रिश्ता निभाते,

किसी का करते हैं वे, कराते नहीं इंतजार।

प्यार किसी एक रिश्ते…………


इसे न तौला जा सकता किसी तराजू पर,

और न कहीं बिकता है यह बीच बाजार।

यह किसी उम्र में कम नहीं हो सकता है,

हर उम्र में रहता, दिलो दिमाग पे सवार।

प्यार किसी एक रिश्ते…………..


प्यार के हर रूप की एक मर्यादा होती है,

सच्चा प्यार करता नहीं कभी सीमा पार।

चाहे जो भी रूप रहे प्यार का, दिलों में,

गिराकर दम लेता है, नफ़रत की दीवार।

प्यार किसी एक रिश्ते…………


जान चली जाती है, प्यार को निभाते हुए,

पर प्यार ने अब तक, कब मानी है हार?

प्यार निस्वार्थ होता, कुछ मांगता नहीं है,

इसके आगे जग ने सदा डाला, हथियार।

प्यार किसी एक रिश्ते………….


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