बिन वृक्ष जीवन सूना !
बिन वृक्ष जीवन सूना !
बिन वृक्ष जीवन है सूना ...
धरा सूनी सृष्टि सूनी......
बिन वृक्ष ऑक्सिजन कहाँ से पाएँ ?
बिन वृक्ष अन्न कहाँ से आए ?
इसलिए हे धरा के वासियों ,
पेड़ पौधों से करो धरती का श्रृंगार !
न करो धरा को प्रदूषित ..
न रहने दो इसे बंजर बेकार ...
पेड़ पौधों को दो संरक्षण एवं प्यार !
पेड़ हैं तो अन्न है फल है फूल हैं !
पेड़ है तो ऑक्सीजन है !
जिससे चलता ये जीवन है !
पेड़ हैं तो खाद्यान्न हैं फसल हैं धन धान्य ,
से पूरित खेत खलिहान हैं !
पेड़ों से ही जन हैं और सारा जहान है !
पेड़ आदि काल से ....
.मनुष्य के लिए वरदान हैं !
पेड़ जीव जंतुओं को न्यौछावर करते स्वयं को ,
अपने समर्पित भाव से ....
पर्यावरण को देते हैं शुद्ध प्राण वायु !
पेड़ों से ही प्रभावित होती है जलवायु ,
इसलिए तो पेड़ो को पूजते हैं भारतीय आमजन ।
तुलसी पूजा , तुलसी विवाह और वट सावित्री पूजन,
को भारतीय संस्कृति ने पूर्ण पावन भाव से अपनाया ।
अतः वृक्षों को दें सारा विश्व संरक्षण,
तभी होगा हरा भरा सारा वातावरण ।
जब तक वृक्ष धरा पर लहराएंगे ।
तब तक अन्न जल और वायु हम पाएँगे।।
