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Arunima Bahadur

Action

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Arunima Bahadur

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क्या कारण हम नहीं

क्या कारण हम नहीं

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समस्याये अनेक कारण एक


आँख खुली तो जानोगे,

फँसे मकड़ जाल में,

बुनती रही जहाँ मन की मकड़ी,

भूलभुलैया से मायाजाल में,

श्रम न करना, बस सब है पाना,

कैसी भारी भूल है,

भ्रष्टाचार की नींव जो भरती,

बनाती जीवन शूल हैं,

भ्रष्टाचार ही उपजाता,

महंगाई और गरीबी रे,

यही बनाती निरंतर हताशा

और बेरोजगारी रे,

क्या इन कष्टों के हम सब,

जिम्मेवार नहीं,

कभी मौन में, कभी सहर्ष मन,

दिया इसका साथ नहीं,

क्या नहीं चाहत कुछ पाने की,

जिसके हम हकदार नहीं,

समय से प्रतिस्पर्धा की,

क्या कोई चाहत नहीं,

है सब भी यहाँ भी कारण,

समस्या उपजाने के,

मन से तेज सदा ही भागे,

कुछ अपने अफसाने में,

एक कदम क्यों न उठाएं,

अपने चंद प्रयासों से,

करे मन जरा नियंत्रित,

कुछ निश्चित अभ्यासों से,

न मौन से, न वाणी से,

भ्रष्टाचार बढ़ाना हैं,

सीमित कर आवश्यकता,

मदद दूजो की करना है

तब होगी वसुधा भी नई,

मुस्काते चेहरे होंगे,

अपने ही सब भाई बंधु,

एक परिवार सम संग होंगे।।



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