कर्ज चुकाना है
कर्ज चुकाना है
आ गया समय, अब कुछ कर दिखाना है
कर्मवीर के चरणों तले, झुकता जमाना है
अनमोल है यह जीवन, व्यर्थ नहीं गवाना है
मात पिता की सेवा कर, सेवा का कर्ज चुकाना हैl
ऋण है जो मातृभूमि का, वह कर्ज चुकाना है
आये जो अब तूफान तो, हँस कर टकराना है
रोना छोड़ अब हर हाल में हमें मुस्काना है
जो भी कर्ज है जिनका, वह कर्ज चुकाना हैl
ज्ञान विज्ञान से अंधविश्वास को दूर भगाना है
आधुनिकता की भेंट चढ़ते संस्कारों को बचाना है
भटक गये है जो अपने, उन्हें सही राह पे लाना है
अधूरे है जो सपने, उनको पूरा कर दिखलाना हैl
बेसुध है जो नशे में, उन्हें होश में लाना है
टूट रहे है जो रिश्ते, उनको दिल से बचाना है
बिछड़े हुए अपनों को, फिर से गले लगाना है
निरस होती जिंदगी, प्रेम के रंगों से सजाना हैl
अपने अधिकारों के लिए, आवाज उठाना है
जवाबदेही से अपने सभी कर्तव्यों को निभाना है
समस्याये जो आये तो धैर्य से सुलझाना है
रुकना नहीं हौसलों की उड़ान भरते जाना हैl