STORYMIRROR

Taj Mohammad

Abstract Action Inspirational

4  

Taj Mohammad

Abstract Action Inspirational

फरिश्तों सा कमाल है।

फरिश्तों सा कमाल है।

1 min
294

इक तुम्हारी ही नजर में बस वह सवाल है।

बाकी सारी ही दुनिया के लिए बेमिसाल है।।1।।


कभी वक्त मिले तो उससे भी बात करना।

बदल जाएगा सारा तुम्हारा जो भी ख्याल है।।2।।


पेट की खातिर करता है वह ऐसे काम।

जादू नहीं है कोई उसके हाथों का कमाल है।।3।।


मिल जाता उसे भी सपनों का राजकुमार।

पर समझौता वह कर लेगी बाप कंगाल है।।4।।


तासीर है बड़ी जाने क्या? उसकी आवाज में।

कदम चल पड़ते हैं खुद जैसे अजाने बिलाल है।।5।।


किस्मत देखो उसकी है आज अपने उरूज पर।

सारी की सारी दुनिया ही अब उस पर निहाल है।।6।।


कोई कसर न छोड़ी थी जुलेखा ने तोहमत लगाने में।

पर यूसुफ की बेगुनाही में देखो तो एक नौनिहाल है।।7।।


उसको आदत है पीने कि मयखानें में ही बैठकर।

जैसे हर बच्चे की मस्ती की जगह बस होती ननिहाल है।।8।।


बात-बात पर शमशीरों का निकालना अच्छा नहीं।

मत हो परेशान यह तो बच्चों का सारा बवाल है।।9।।


पढ़ा जाएगा वह किताबों में ताज मरने के बाद भी।

दुनिया के लिए बन गई उसकी हस्ती बेमिसाल है।।10।।


कहती थी सारी दुनिया जिसे मौत का सौदागर कभी।

आज उसके हाथों में देखो फरिश्तों सा कमाल है।।11।।


कदमों की आहटों को सुनकर चलना इस गहरे अंधेरे में।

कारवां है बड़ा पर किसी के हाथ में ना कोई मशाल है।। 12।।


तड़प होती है क्या रिश्तों की उसको कैसे पता चले?।

जाता नहीं है मां से भी मिलने जाने कैसा वह लाल है?।।13।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract