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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

राख का ढेर।

राख का ढेर।

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यूं न देखो किसी में,

तुम इतना ज्यादा ऐब।

ये ज़िन्दगी क्या है,

बस एक राख का ढेर।।


ये जहां है बस एक जगह,

तेरे जीने के लिए।

दिल न लगा तू यहां पर,

आया है बस मरने के लिए।।


चार दिन की जिंदगी है,

सुन तेरी ऐ इंसान।

शायद तू भूल गया है,

तुझे जाना है श्मशान।।


फेहरिस्त न कर लंबी,

तू गुनाहों की अपनी।

गफलत में तूने जी जिंदगी,

तौबा कर अब जी मर्जी रब की।।



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