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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

जां से गए।

जां से गए।

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जां से गए जहां से गए, 

हम कहीं के ना रहे।।


सब ही है यहां रो रहे, 

लाश बनकर हम पड़े।।


दफनाने की जल्दी पड़ी, 

हम किसी के ना रहे।।


कोई न अपना यहां,

अब तक धोखे में जीए ।।


सोचते है अच्छा हुआ,

हम रब से जा मिले।।



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