तेरे बढ़ते क़दमों को रोकने के लिए ही तो, ये आवाज़ें उठती हैं तेरे बढ़ते क़दमों को रोकने के लिए ही तो, ये आवाज़ें उठती हैं
रेत - सी कुछ यूँ घुली है ज़िन्दगी की सूखे पत्ते सी लगी है ज़िन्दगी ! रेत - सी कुछ यूँ घुली है ज़िन्दगी की सूखे पत्ते सी लगी है ज़िन्दगी !
तुम लड़की हो कभी सोचना मत उड़ने का तुम लड़की हो कभी सोचना मत उड़ने का
मुझे भी इंतजार है उन कदमों का जो मेरे घर की ओर चलते हैं मुझे भी इंतजार है उन कदमों का जो मेरे घर की ओर चलते हैं
चढ़नी पड़ती है चढ़ाई लहूलुहान कदमों से। चढ़नी पड़ती है चढ़ाई लहूलुहान कदमों से।
कभी देख खुशियाँ छलक फिर से आये। कभी देख खुशियाँ छलक फिर से आये।