सिपाही का इंतजार
सिपाही का इंतजार
मुझे भी इंतजार है
उन शब्दों का जो मेरी जुबान से
माँ व बाबूजी बनकर निकलते हैं
मुझे भी इंतजार है उन कदमों का
जो मेरे घर की ओर चलते हैं
मुझे भी इंतजार है उन आँखों का
जो बरसों से सूनी राहों पर
मुझे देखकर खुश हो जायेंगी
मुझे भी इंतजार है उन बांहों का
जो मुझे सीने से लगाकर बेटा बुलायेंगी ।
