मेरा राज्य- मेरा उत्तराखंड
मेरा राज्य- मेरा उत्तराखंड
उन्तीस राज्यों में एक राज्य जिसका नाम उत्तराखंड है,
तेरह जिलों का समूह इस राज्य में नजाने कबसे कैद है।
जहाँ बहती है हरिद्वार में माँ गंगा,
तो मसूरी कहलाती है पहाड़ो की रानी।
जहाँ ऋषिकेश में है वो राम-लक्ष्मण झूला,
तो देहरादून की भी है एक अपनी नई कहानी।
जहाँ तीर्थ यात्रा होती है चार धामो की,
वो देवभूमि है अपने प्यारे हिंदुस्तान की।
जहाँ पर्यटक भी आते है घूमने हर साल,
तो सोचो ज़रा ये उत्तराखंड है कितना बेमिसाल।
जहाँ धनोल्टी नैनिताल के पहाड़ी इलाके,
तो गढ़वाल और कुमाऊं के प्यारे रेजिमेंट पुराने।
जहाँ वो दून स्कूल का अभिजात वर्ग,
और बाबा रामदेव का वो गुरुकुल,
तो एफ आर आई और वाडिया के साथ साथ,
फन वैली का भी है अपना एक पूल।
जहाँ हसीन वादियों पर बनती है फिल्में,
तो बिपिन रावत जैसे रक्षा प्रमुख भी है यहा जन्म लेते।
जहाँ कोर्बेट और राजाजी का है एक पुराना पार्क,
तो आयी एम ए में भी होते है बहुत से सैनिक तैयार।
जहा सहस्त्रधारा का पानी है अमृत,
तो गंगा की पहचान है हरकी पौड़ी।
जहाँ टिहरी डैम और हाइड्रो का परियोजना है चलता,
तो हरिद्वार का वो मसहूर कुम्भ मेला भी है कुछ कहता।
अटल बिहारी वाजपेयी जी का हम शुक्रिया करते है,
जिन्होंने सन्न 2000 में हमारे राज्य को एक नया जन्म दिया है।
और गर्व है मुझे इस बात का कि मैं रहती हूं
वहाँ जहाँ देश भर में मेरे राज्य की चर्चा है।
