STORYMIRROR

Priya Gupta

Fantasy Inspirational

4  

Priya Gupta

Fantasy Inspirational

"नववर्ष "

"नववर्ष "

1 min
239

आया नया साल है फिर से,

शुरू हुआ शीतल शिसीर से।

आदर भाव जगे हर उर में,

सबके लिए यह आदर्श हो।


नव वर्ष में हो सत्य अहिंसा,

हिंसा का ना कभी भी दर्श हो।

अपनेपन का अलख जगे नित,

सबके जीवन का निष्कर्ष हो।


मन वचन और कर्म श्रेष्ठ हो,

चाल चलन भी तो उत्कर्ष हो।

स्नेहभाव आत्मसात करें हम,

जीवन की हर बात उत्कृष्ट हो।


जीवन पथ पर अटल अडिग हम,

पूण्य पूरूषार्थ के काज सदा हो।

सत्य सनातन श्रेष्ठ धर्म की जय,

"प्रिया"पल में ही आज सदा हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy