"नववर्ष "
"नववर्ष "
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आया नया साल है फिर से,
शुरू हुआ शीतल शिसीर से।
आदर भाव जगे हर उर में,
सबके लिए यह आदर्श हो।
नव वर्ष में हो सत्य अहिंसा,
हिंसा का ना कभी भी दर्श हो।
अपनेपन का अलख जगे नित,
सबके जीवन का निष्कर्ष हो।
मन वचन और कर्म श्रेष्ठ हो,
चाल चलन भी तो उत्कर्ष हो।
स्नेहभाव आत्मसात करें हम,
जीवन की हर बात उत्कृष्ट हो।
जीवन पथ पर अटल अडिग हम,
पूण्य पूरूषार्थ के काज सदा हो।
सत्य सनातन श्रेष्ठ धर्म की जय,
"प्रिया"पल में ही आज सदा हो।