सब समय मूल्य करवाता है
सब समय मूल्य करवाता है
सुबह और शाम का सूरज
प्रेम बड़ा ही पाता है
मध्यम दिन और दोपहर को
फिर ये किसे सुहाता है
अनमोल नही कोई चीज यहां
सब समय मूल्य करवाता है
उमस भरी गर्मी में सूरज जब
रेत पे किरण बिखराता है
ठंडी सी सीतल दिन फिर
जाने कहां जा छुप जाता है
फिर चांदनी रात सितारों से
ठंडी ओस बिखराता है
सितारों की वो रात सुहानी
दिल को खुशी दे जाता है
अनमोल नहीं कोई चीज यहां
सब समय मूल्य करवाता है।