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Nitu Maharaj

Tragedy

4  

Nitu Maharaj

Tragedy

है किसी की उम्र हजार नही

है किसी की उम्र हजार नही

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जिस गली में आना जाना था

उस गली से गुजरे जमाना हुआ 

जो बातें लगती थी सच कभी 

इस दिल को ,

वो बातें अब अफसाना हुआ 


है कौन यहां किसी का अपना 

सब मतलब की दुनियादारी है 

जीत जाते है लोग सारी दुनिया, 

बस अपनो से ही लाचारी है ।


रंग यहां जमाना का 

कई रंग दिखाते हैं

अंदर खुशियां लाख हो इनके 

पर आंखो से आंसू बहाते हैं।


भरोसा करे भी तो करे हम किसकी 

जब जग से हमे एतबार नहीं ,

है जीवन ये दो दिन की कहानी 

है किसी की उम्र हजार नहीं।


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