आंखे
आंखे
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आंखे सपनो का आशियाना है
ये तो सभी ने माना है ,
हर रोज नया ख्वाब सजाती ,
हर उम्मीदों से जुड़ जाती ,
रातों के अंधेरों मे चुपके से
जब भी नींद आ जाती है,
मेरे प्यारे आंखे इसको पलकों मे
छुपा जाती है ,
है इसके भी अरमान बहुत
है इसके भी नाम बहुत ,
खुशियों में हंस जाती है,
गम में भींग जाती है,
कभी किसी के प्रेम में पागल ,
पलकों से सब कुछ ढांके है,
इतने सारे रूप लिए है ,
ये जो खूबसूरत आंखे है ।