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Tanha Shayar Hu Yash

Tragedy

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Tanha Shayar Hu Yash

Tragedy

मैं भी तनहा सा हूँ

मैं भी तनहा सा हूँ

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एक चाँद ने दूसरे चाँद से क्या कहा

मैं भी छुपा-छुपा सा हूँ तू भी धुंधला धुंधला सा है।


मत दे आवाज़ मेरी आवारगी को अब

मैं भी बदला -२ सा हूँ तू भी मचला -२ सा है।  


छोड़ भी दो ज़िद, तोड़ दो नाता आदतों से

मैं भी बहला -२ सा हूँ तू भी पहला -२ सा है।  


कल रात सुना चाँद सूरज के आगोश में था 

अब मैं भी खोया -२ सा हूँ, तू भी सोया - २ सा है।  


मत बैठों मेरे सामने फिर निगाह चार करके

मैं भी तनहा -२ सा हूँ, तू भी महफ़िल से थका -२ सा है।  



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