थोड़ा धुंधला थोड़ा खोखला थोड़ा धुंधला थोड़ा खोखला
जरा जरा सी नाराजगी, रूख पे उदासी खले हैं जरा जरा सी नाराजगी, रूख पे उदासी खले हैं
अब तुम्हारे कहे हर असम्भव सुन स्वयं में और जोश भर लेती हूँ अब तुम्हारे कहे हर असम्भव सुन स्वयं में और जोश भर लेती हूँ
यह तो हमारा दृष्टिकोण ही धुंधला हो जाता है यह तो हमारा दृष्टिकोण ही धुंधला हो जाता है
सुबह के अभी ५:३० बजने को हैं, हलचल में अब और जरा तेज़ी है, सुबह के अभी ५:३० बजने को हैं, हलचल में अब और जरा तेज़ी है,
कुछ पल के लिए तो रुकजाओ न साथ छोड़ो मेरा। कुछ पल के लिए तो रुकजाओ न साथ छोड़ो मेरा।