असम्भव
असम्भव
कुछ करने से पहले ही
कैसे तुम जान जाते हो
औरत के बस की बात नहीं,
ये कह, क्या जताना चाहते हो
पर फिर भी मैं खुद को
हारने न देती हूँ
अब तुम्हारे कहे हर असम्भव सुन
स्वयं में और जोश भर लेती हूँ
पर वक़्त को देखा तुमने,
कैसे पंख लगाए उड़ गया
सम्भव कर दिखाया मैंने वो सपना
जो कहीं धुंधला था पड़ गया
जीने लगी अब पहले से ज़्यादा
खुद के लिए
असम्भव को सम्भव बनाने की
कला खुद में लिये