दीया और बाती
दीया और बाती
पग पग पर देंगे साथ ये वादा निभाते चल जीवनसाथी
जब जब अँधेरा होगा जीवन में हम बनेंगे दीया और बाती
आये कभी कोई बाधा,तो आकर मुझे बतलाना
जीवन में कभी खुद को न अकेले खड़े पाना
तन मन सब कर दूँगी नौछावर ,परेशानी दूर भगाने में
बस थोड़ा सा धैर्य और विश्वास ज़रूर बनाये रख पाना
जब मैं मन की बात न कह पाऊँ,तो मेरे मौन को समझ जाना
दिल से सारी बातें करती हूँ कभी दिमाग़ उसमें तुम न लगाना
तुम मैं और मैं तुम हूँ ये बात कभी न भूल जाना
दोनों के प्रेम से ही उज्ज्वल होगा अपने भविष्य का तारा
पग पग पर देंगे साथ………….