जिंदगी
जिंदगी
जिंदगी बहुत कुछ सीखा गई,
अपनों की नीयत और दूसरों की ख़िदमत
करने का पाठ पढ़ा गई,
सच ए ! ज़िन्दगी तू कहाँ बुरी होती है
यह तो हमारा दृष्टिकोण ही धुंधला हो जाता है
नहीं तो तू तो आईना सा जीवन देती है
बस हमारी ही गलती के कारण
इस पर धूल जम जाती है
जिसे हम देख नहीं पाते और जब
देख कर हटाते है तो देर हो जाती है।
लेकिन तू फ़िर भी साथ कहाँ छोड़ती है।