ambika .
Abstract
जब कुछ भी
समझ में ना आए
तो समझ लीजिएगा कि
मानव द्वारा
बनाई गई
मनगढ़त
कहानियाँ है
एलियन।
एलियन
परिस्थिति का ...
रंग बरसे
जिंदगी
स्त्री अडिग हो जाती है परित्यक्ता हो कर। स्त्री अडिग हो जाती है परित्यक्ता हो कर।
हम भी मतलबी दुनिया भी मतलबी फिर शिकवा करें किस बात की। हम भी मतलबी दुनिया भी मतलबी फिर शिकवा करें किस बात की।
बिन तेरे हूँ जैसे जल बिना जीवन चाहूँ तेरा साथ मैं आजीवन। बिन तेरे हूँ जैसे जल बिना जीवन चाहूँ तेरा साथ मैं आज...
बड़ी सहनशील है हमारी धरती माँ। बड़ी सहनशील है हमारी धरती माँ।
कविताएं प्रेम की एक मनोहर वाटिका कविताएं प्रेम की एक मनोहर वाटिका
प्यार का तीर फिर से चल जाए। प्यार का तीर फिर से चल जाए।
"चाह नही मैं वैरागी सम, जीव-जगत का सार लिखूँँ। "चाह नही मैं वैरागी सम, जीव-जगत का सार लिखूँँ।
आना - जाना, फिर पछताना, दुनिया की यह रीत रही है आना - जाना, फिर पछताना, दुनिया की यह रीत रही है
आखरी सॉंस में ही सही, पर मंज़िल तो पायेंगे हम। आखरी सॉंस में ही सही, पर मंज़िल तो पायेंगे हम।
जीवन के किसी भी पल में, तृष्णा से न छूट पाया। जीवन के किसी भी पल में, तृष्णा से न छूट पाया।
मन तो भरे उछाल मन तो भरे उछाल
यदि ऐसा हो जाए पंख हमें मिल जाएँ। यदि ऐसा हो जाए पंख हमें मिल जाएँ।
नहीं करूँगा कभी नशा, अब नहीं होगी कभी ऐसी दशा नहीं करूँगा कभी नशा, अब नहीं होगी कभी ऐसी दशा
खून से गहरे हो जाते हैं रिश्ते जज्बातों के। खून से गहरे हो जाते हैं रिश्ते जज्बातों के।
नहीं है ये विनाशकारी फिर क्यों बन गयी नरसंहारी ? नहीं है ये विनाशकारी फिर क्यों बन गयी नरसंहारी ?
कभी अर्श पर , कभी फर्श पर । जीवन चलता , इसी तर्ज पर ।। कभी अर्श पर , कभी फर्श पर... कभी अर्श पर , कभी फर्श पर । जीवन चलता , इसी तर्ज पर ।। कभी अर्श...
देशहित में सभी को यह कदम उठाना है। देशहित में सभी को यह कदम उठाना है।
दर्पण दिखाता सब की तस्वीर जब कमरे में होती रौशनी चिर दर्पण दिखाता सब की तस्वीर जब कमरे में होती रौशनी चिर
मिले राह में काँटे तो मैं फूल समझकर रास्ता पार कर जाऊँ मिले राह में काँटे तो मैं फूल समझकर रास्ता पार कर जाऊँ
उनके चरणों में ही बसता मेरा हर तीर्थ, हर धाम है। उनके चरणों में ही बसता मेरा हर तीर्थ, हर धाम है।