थोड़ा धुंधला थोड़ा खोखला थोड़ा धुंधला थोड़ा खोखला
सुना जाती थी कोयल अपना राग न्यारा कभी, सुनता भी था, हँसता भी था इन्सान ज़िंदा था तभी। सुना जाती थी कोयल अपना राग न्यारा कभी, सुनता भी था, हँसता भी था इन्सान ज़िंदा ...
उस किनारे पर तब गूंजें हैं कहकहे इस किनारे पर जब कोई तूफां उठा | उस किनारे पर तब गूंजें हैं कहकहे इस किनारे पर जब कोई तूफां उठा |
सबकी वाह वाही में डूब, कुछ पल खूब रहा फिर धीरे धीरे मंद पड़ता गया, धीमे धीमे सोता गया नींद जगी तो प... सबकी वाह वाही में डूब, कुछ पल खूब रहा फिर धीरे धीरे मंद पड़ता गया, धीमे धीमे सोत...
हम कोई कठपुतली नहीं, जो तुम्हारे इशारे पर नाचे... यह जिंदगी हमारी है... किसी और की नहीं... यही भाव इ... हम कोई कठपुतली नहीं, जो तुम्हारे इशारे पर नाचे... यह जिंदगी हमारी है... किसी और ...
रूकना कहाँ है? कौन सी मंजिल है! ये भी नहीं जानते हैं । रूकना कहाँ है? कौन सी मंजिल है! ये भी नहीं जानते हैं ।