महा विपदा दो हजार बीस
महा विपदा दो हजार बीस
बीते साल तुझे नमस्कार, सलाम, सत श्री अकाल,
प्राकृतिक आपदाओं से विश्व माला-माल
अमेरिकन जंगलों की आग थी बेमिसाल,
भारत, चीन, जापान, कोरिया में बाढ़ की कमाल
शहरों में जल भराव की चारों तरफ धमाल,
तबाही ऐसी की शहर बने नद, तालाब और झील
चक्रवात, भू स्खलन, भीषण गर्मी, भूचाल,
भीषण बर्फबारी, अतिवृष्टि, गिलसुखा से विश्व मालामाल
प्राकृतिक आपदा से मानव के हुये बुरे हाल
प्रकृति तांडव के लिए कम पड़ा शब्दजाल,
कोरोना महामारी ने रोकी विश्व की गतिमान चाल
कोरोना महामारी नहीं मचाती अगर बवाल,
दो हजार बीस होता भीषण प्राकृतिक आपदा साल
मानव ने फैलाया प्रकृति के आगे रहम का आँचल,
ताकि प्रकृति सामान्य स्थिति करें शीघ्र बहाल
कोरोना लॉकडाऊन से बना विश्व मंदी का माहौल,
मानव ने झेला बेरोजगारी, भुखमरी और संकटकाल
विश्व शांती भंग की चीनी जिंमपिंग की अनोखी चाल,
लद्दाक, पैगॉंग हथियाने की खेली शतरंजी चाल
कोरिया किमजोंग ,पाकी इमरान खान का मेलजोल,
अणु युद्ध के खतरे का विश्व को सताये खयाल
आर्मीनिया –अजरबैजान ने ओढ़ा युद्ध जाल,
विश्व महाशक्तियों की ये थी अनोखी चाल
चिन को विश्व महाशक्ति बनाने का चीनी जिंमपिंग खयाल,
तीसरे महा युद्ध की और विश्व महाशक्तियों में मची हलचल
डोन्लाड ट्रंफ बनाम बिडेन का चुनावी खेल,
अमेरिकन राष्ट्रपति चुनाव बना बेमिसाल
इन सब पर भारी पड़ा बिहार चुनावी खेल,
अचानक खत्म हुआ कोरोना संक्रमण बवाल
जिस कोरोना ने बंद किया था मानवी मेलजोल,
तेजस्वी की चुनावी सभा में लाखों की चहल-पहल
इन सब पर भारी पड़ी ईवीएम की जादूगरी चाल,
ईवीएम से बिहारी नवजवानों के स्वप्नों के बुरे हाल
कोरोना आड़ में जुमलेबाजों की राजनीतिक दंगल,
लेकिन आम जनता के लिए चौरों और अमंगल
कभी तालियां, तो कभी दीये जलाने का कमाल,
तो कभी आसमान से बरसायें कोरोना योद्धाओं पर फूल
कड़े लॉकडाऊन में आम आदमी आमदानी में पड़ा झोल,
आम आदमी का धन पॉकेट से हुआ गुल
देश की अर्थव्यवस्था पहुंची रसातल,
नारा बुलंद किया वोकल बने लोकल
कोरोना को मात दे गई कंगना की किरकिरी,
सुशांत सिंह आत्महत्या से सीबीआई की यारी
सीबीआय के मदद में एनसीबी की भरारी,
फिल्म जगत में मची नशीली सामग्री की अफरा-तफरी
कॉरपोरेट जगत के लिए आया किसान सुधार बिल,
देश के किसानों की बिल ने हिला दी चूल
कृषि कानून किसानों के लिए हैं मीठा फल,
विपक्ष के भ्रामक प्रचार से बना खट्टा फल
किसान आंदोलन ने मजबूत सत्ता की हिला दी चुल,
कॉरपोरेट कृषि कानून बनी बड़ी महा भूल
देश का युवा, जवान ,किसान ने मानी भूल,
धार्मिक कट्टरपंथी हुकूमत थी हमारी एक भूल
धर्म और सियासत नहीं हो सकते एक ही डाल के फूल,
देश का संविधान ही जनता के लिए हैं अनमोल
