मेरा ग़म
मेरा ग़म
मत करिये दिल्लगी कभी उस बेवफ़ा से,
जिसके आशिक़ हजार हो जिस्म दफा से...
इतना भी मजबूर नहीं मेरा दिल,
बेवफ़ा हो कातिल मेरा शख्स..
न जिंदगी साथ दे रही है,
न मोहब्बत बात कर रही है..
आप बताओ क्या करूँ,
मोहब्बत बदनाम हो रही है...
हर सुबह एक नया मुकाम है,
हर आरजू का परिणाम है..