रिश्ते प्रेम के
रिश्ते प्रेम के
अचल में भी चेतना का पूर्ण एक आधार हो तुम
हर सुखद अनुभूतियों में, बसा एक संसार हो तुम.
बीत गये कई वर्ष कितने यूं देखते -देखते,
रास्ते तय हुए गिरते संभलते
भावनाओं की अभिव्यक्ति पर दिमाग का पहरा है ,
यकीन करो हमारा प्यार आज भी उतना ही गहरा है।।