वो कितना प्यारा है
वो कितना प्यारा है
कोई कितना प्यारा हो सकता है!
मै क्या कहूं उसके बारे में,
बच्चों जैसा भोलापन है उसमें
कितना सुन्दर उसका मन है जैसे,
मुझमें अपनी जान वो रखता है
मेरे लिए वो सब करता है वैसे,
फिर भी नाक पे गुस्सा रखा रहता है उसके
पर मुझसे मुस्कुराता है ऐसे ,
उसे देख मैं यही सोचूं
आखिर मैने ऐसा क्या किया
जो प्रकृति ने मुझे उसे दिया,
मुझे उसपर गर्व है
उसके साथ मेरा जीवन पर्व है ,
दिल से मुझे वो बहुत चाहता है
हर पल मुझे वो यही दिखाता है,
सौभाग्यशाली मुझे महसूस कराता है
उस जैसा मैंने कोई नही देखा,
एक सुंदर व्यक्ति की पहचान
उसका कर्म है
यही उसका धर्म है,
मुझे वो बहुत प्यारा है
मेरा जग सारा है।
