हां,मैं ऐसे ही ख्वाब देखता हूं
हां,मैं ऐसे ही ख्वाब देखता हूं
एक दिन ऐसा होगा जब संसद और विधानसभाओं में
हंगामे के बजाय काम होगा
माननीय, शांतिपूर्वक
विधेयकों पर चर्चा करेंगे
आसंदी का सम्मान करेंगे
और अपने आचरण से
लोकतंत्र के मंदिर का सम्मान बढ़ायेंगे ।
एक दिन ऐसा आएगा जब
राजनीति में ईमानदार और
बेदाग लोग आया करेंगे और
जनता धर्म जाति देखकर नहीं
उनके काम देखकर वोट देगी ।
एक दिन ऐसा भी आएगा जब
अधिकारी और कर्मचारी
समय पर कार्यालय पहुंचकर
संवेदनशीलता, ईमानदारी और
कुशलता के साथ अपना कार्य करेंगे
आम आदमी के हित में
पत्रावलियां तैयार करेंगे ।
फाइलें "कछुआ चाल" से चलने के बजाय
सरपट दौड़ा करेंगी
"चाय पानी" का बंदोबस्त खत्म होगा
"नजराना शुक्राना जबराना" कूड़ेदान में होंगे।
एक दिन ऐसा आएगा जब
न्यायालयों से "तारीख" के बजाय
वास्तविक न्याय मिलेगा।
अपराधियों और प्रभावशाली लोगों के
विरुद्ध भी फैसले लिए जा सकेंगे
"झूठमेव जयते" के बजाय
"सत्यमेव जयते" की दुंदुभी बजेगी
दलाली कहीं एक कोने में
पड़ी पड़ी सिसक रही होगी ।
एक दिन ऐसा भी आएगा जब
लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ
किसी राजनीतिक दल का
पिछलग्गू बनकर एजेंडा छाप
पत्रकारिता छोड़कर निष्पक्ष खबरें छापेंगे
पत्रकार अपनी कलम गिरवी नहीं रखेंगे
न्यूज़ चैनलों पर "चिल्ल पों" नहीं होकर
वास्तव में डिबेट होगी ।
एक दिन ऐसा भी आएगा जब
योग्यता का सम्मान होगा ।
योग्य व्यक्तियों का ही चयन होगा
दरबारियों को दुत्कारा जायेगा
बुद्धि, कौशल, कला, ज्ञान को ही
पुरस्कृत किया जाएगा ।
एक दिन ऐसा आएगा जब
बॉलीवुड में भी ढंग की फिल्में बना करेंगी
कला के नाम पर अश्लीलता दिखाना बंद होगा
"घर तोड़ू धारावाहिक" बंद हो जाएंगे
कान फोड़ू संगीत के बजाय
सुमधुर और कर्ण प्रिय संगीत सुनने को मिलेगा ।
एक दिन ऐसा भी आएगा जब जनता
अफवाहें फैलाना बंद कर देगी
लोग एक दूसरे से प्रेम भाव से मिलेंगे
दिलों में नफ़रत के बजाय प्यार भरा होगा
"पर निंदा" की बजाय तारीफों के पुल बांधे जाएंगे
ज़बान में मिठास घुलेगी और
सही को सही कहने की हिम्मत होगी ।
हां, मैं ऐसा ही ख्वाब देखता हूं
आप मुझे पागल समझ सकते हैं
क्योंकि आज के जमाने में ऐसा ख्वाब
केवल एक पागल आदमी ही देख सकता है