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Shan Fatima

Fantasy

4.7  

Shan Fatima

Fantasy

सुनो प्रिये कि कुछ कहना है मुझे

सुनो प्रिये कि कुछ कहना है मुझे

2 mins
641


सुनो प्रिये 

डूब रहा है नीली आँखों वाला सूरज 

प्यार में डूबे हुए उन सभी लोगों के साथ 

जिन्हें कविता की चीख पर आँखें मूँद लेने की आदत है।

इस एक वक्त में 

मैं फिर से तुम्हारे पाँव सहलाना चाहती हूँ "प्रिये"

मैं देखना चाहती हूँ तुम कितनी गहराई से महसूस कर पाते हो 

ज़मीन और हथेलियों के फ़र्क को ?

मैंने महसूस किया है कि तुम्हारे न होने पर 

ये हथेलियाँ भी उतनी ही उपजाऊ हैं,

जितनी तुम्हारे गाँव की मिट्टी 

तुम चाहो तो इस पर कुछ और बीज उगा सकते हो।


सुनो प्रिये 

मैं चाहती हूँ एक और मुलाकात 

समय की इस थका देने वाली सीढ़ी पर।

हो सकता है उस एक मुलाकात में 

तुम्हारे चेहरे का रंग, तुम्हारे घर के शीशे जितना साफ़ न हो 

और तुम्हारी आँखें उतनी ही ईमानदार 

जितनी बेईमान कोई अकेले लड़ी जाने वाली लड़ाई होती है 

अगर हो सके तो 

उस एक वक्त तुम मेरे अलावा कुछ और देखो 

तो सिर्फ़ वो आँच देखो,

जिसने मुझे वो रंग दिया है 

जिसे देखकर कोई भी अपने दरवाज़े की सांकल चढ़ा ले ,

मैं नहीं चाहती कि तुम रास्ते, मौसम और उन अजनबी चेहरों को देखो 

जो मेरे न होने पर तुम्हारी नज्मों के मसले होते हैं।


सुनो प्रिये 

ज़रूरी नहीं कि कोई रिश्ता एक उम्र जिया जाए 

एक रिश्ता हमें छुपा लेना चाहिए मेज़ की दराज़ में 

या कोई पुरानी डायरी के वर्क के बीच 

एक रिश्ते को पूरी तरह से नाजायज़ होना चाहिए 

क्योंकि जब जायज़ रिश्ते एक बोझ बन जाए 

और तुम थक जाओ तो कम से कम 

एक रिश्ता तो होना चाहिए जो जहाँ 

मांग और पूर्ति के नियम 

अपवाद की तरह हो


सुनो प्रिये 

ज़रूरी नहीं कि जितनी भी कहानियाँ पढ़ी जाए 

पूरी पढ़ी जाए 

अक्सर पुरानी किताबें अधूरी और पीली ही मिलती हैं 

और अक्सर टूट-टूट कर थक जाने वाले रिश्ते, कभी-कभी पिघलते भी हैं।

तुम मान लो प्रिये 

मैं अब अपने सीने में भी एक आकाश रखती हूँ 

बरसना, बदलना, बिखरना और गिरना 

मुझे अब मुश्किल में नहीं डालता 

हाँ, अँधेरा पसरते ही अपने-अपने घरौंदों में जाने वाले 

मुझे बार-बार याद आते हैं 

और हर एक बार मैं डूबते हुए नीले सूरज को देखकर 

अपना घर ढूँढने लगती हूँ।


सुनो प्रिये कि कुछ कहना है मुझे।



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