नादाँ दिल
नादाँ दिल
नादाँ दिल जहां में इश्क जुनून रंग
चढ़ चाहत की राह में चलता।।
मंजिल जहां में खोजता गुजरता कदम निशा
नहीं भूलता मंज़िल नज़रों से नहीं बिसारता।।
नादाँ दिल जहाँ में इश्क जुनून
चढ़ चाहत की राह चलता।।
सनम का प्यार पागलपन हद हरकतें
खूबसूरत ख्वाब फुहारों से भीगा मुस्कुराता।।
नादाँ दिल जहां में इश्क जुनून रंग चढ़।
चाहत की राह चलता।।
शहर सनम का अंधेरों की आगोश एक चिराग
आरजू मेरा इश्क भी रोशन चिराग जलता जाता।।
नादाँ दिल जहाँ में इश्क जुनून
चढ़ चाहत की राह चलता।।
दिल आईने में सनम का निगार जाने
कहाँ चले गए किनारे सीप मोती की चाहत में बैठे
पीताम्बर इंतज़ार का लम्हा।।
नादाँ दिल जहाँ में इश्क जुनून
चढ़ा चाहत की राह चलता।।