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Swati Grover

Abstract Romance Fantasy

4  

Swati Grover

Abstract Romance Fantasy

दुनिया

दुनिया

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ज़िन्दगी के उदास कोहरे को

हटाने के लिए सर्दी की धूप हो तुम

इस तन-मन को व्याधि से बचाने के लिए

एक स्वेटर एक पुलोवर हो तुम

जब अजीब सी कसक उठती है


दिल की धड़कन बेवक़्त ठिठुरती है

हरारत यादों की दे सकूँ

ख़ुद को बीते लम्हों से समेट सकूँ

इस तरह मेरा लिहाफ़ हो तुम

अनकहे अल्फाजों को

दोहराने का, मुस्कुराने का


फुरसत से जिसे थाम सको

वो तुलसी मिली गर्म चाय का प्याला हो तुम

ढलते सूरज की लाल सी लकीर

इस शीत ऋतु में प्रकृति के कलेवर को

सुंदर बनाने का श्रृंगार हो तुम

किसी के लिए हो सकते हो तुम


उसका साथ, हर मौसम का एहसास

पर मेरे लिए तो पूरी दुनिया हो तुम

दुनिया हो तुम..........


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