बेटी
बेटी
घर पहुँची तो माँ रो रही थीं
मैंने पूछा, "क्या हुआ ?"
माँ ने कहा, पड़ोस में बेटी गुज़र गई
मैंने धीरे से सांस भरी
फ़िर बात शुरू करी
अच्छा हुआ गुज़र गई
बाप तो उसका एबी
माँ सीधी-सादी है
किसी सरकारी स्कूल में पढ़ा लेगा
निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का फायदा उठा लेगा
फ़िर जब स्कूल से निकल जाएँगी
अपनी ज़िम्मेदारी स्वयं उठाएँगी
ट्यूशन पढ़ाकर घर का ख़र्च भी चलाना होगा
ख्वाइशो को अलविदा कह
ज़रूरतों को गले लगाना होगा
दिल के ज़ख़्मो को मुस्कुराकर धोएगी
दुनिया के सामने मजबूत बनेगी
रात को तकिये के नीचे मुह छिपाकर रोएगी
उसे भी हर पुरुष से घृणा हो जाएगी
पिता को पिता नहीं कह पाएगी
वो पिता अपने ऐबो का बोझ उसके कंधे पर रख देगा
घर की खिड़की को खंभे कर देगा
अपने जैसे ही लड़के ढूँढ देगा
लोगों को दिखाने के लिए उसकी डोली भी उठ जाएगी
एक लाश खुद ही अर्थी चढ़ जाएंगी
कोई एक तो इन अजाब से बच गई
माँ अभी भी रो रही है
बस रोने की वजह बदल गई
पड़ोस में एक बेटी गुज़र गई.......
बेटी गुज़र गई......