हम अमन चाहते हैं!
हम अमन चाहते हैं!
ये दुनिया बहुत बड़ी हैं,
हर किसी से जुड़ी
इसकी कड़ी हैं,
सब मस्त हैं अपनी मस्ती में,
किसको किसकी क्या पड़ी है,
इंसानियत में ये कैसी
जंग छिड़ी है,
हर तरफ लोगों के,
दिलों में सिर्फ़ नफ़रत भरी हैं,
हर जुबां पे ज़हर हैं यहाँ,
विषैली हवाओं में घुला
शहर हैं यहाँ,
कौन बोलेगा अपनी जुबां में कि,
हम अमन चाहते हैं..!
