लड़कियां बेवफा होती हैं !
लड़कियां बेवफा होती हैं !
उसके हुश्न में कोई जादू था,
उसकी ओर खींचा जाता था,
मोहब्बत थी ये या हवश,
कुछ समझ नहीं आता था,
बिखर जाता था, हर रोज़
उसकी यादों में,
फिर खुद को संभाल नहीं
पाता था,
ए आग एक तरफा नहीं थी,
धुआं उस तरफ भी उठ रहा था,
उसे पाके मेरी हर अधूरी कहानी
पूरी हो गई,
जिस्म और जान से भी वो,
ज़रूरी हो गई,
फिर अचानक उसका चले जाना,
छोड़कर मुझे,
समझ ही नहीं आता कि
लड़कियां बेवफा होती है या लड़के!
इतनी शिद्दत से चाहता था उसको,
खुदा से हर रोज मांगता था उसको,
वो रूठती थी,तो मैं मनाता था,
मैं रूठता तो वो मनाती थी,
वो मुस्कुराती थी,तो मैं भी मुस्कराता था,
चोट उसे लगाती थी,तो आशू मैं बहता था,
ज़ख़्म मुझे होता था,तो मरहम वो लगाती थी,
हम दो जिस्म भले ही थे,पर जान एक ही थी,
वो मुझसे नाराज़ हुई,सिर्फ़ एक fb के पोस्ट के लिए,
जबकि मैने तो उसे ही महसूस किया था,
उस पोस्ट में भी,
बस इतनी सी बात के लिए
अचानक उसका चले जाना,
छोड़कर मुझे,
समझ ही नहीं आता कि
लड़कियां बेवफा होती है या लड़के !