रूठकर उनका चले जाना!
रूठकर उनका चले जाना!
रूठकर उनका चले जाना ,
कभी समझ ही नही पाए हम।
रह गया दिल के एक कोने में,
उनका कोई ठिकाना,
जो कभी भूल ही नही पाए हम।
कोसते रहे हरपल,
बेचारे दिल को जानेजाना ,
उसके ज़ख़्म को कभी,
देख ही नही पाए हम।
महसूस होती रही तन्हाइयां,
भीड़ में भी रोजाना,
अकेलेपन को कभी,
ढूंढ़ ही नही पाए हम।
रूठकर उनका चले जाना ,
कभी समझ ही नही पाए हम।