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Rajit ram Ranjan

Drama Romance Fantasy

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Rajit ram Ranjan

Drama Romance Fantasy

करनी पड़ी सगाई!

करनी पड़ी सगाई!

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हम कतरा-कतरा टूट रहे थे,

उसकी यादों में,

इश्क़ झूठा, फरेबी था,

उसके वादों में,

जल रहा था दिल मेरा,

मोहब्बत के इन विवादों में,


मेहँदी हाथों में रचा रही थी वो,

हथेली पे लिखे मेरे नाम,

मिटा रही थी वो,

आंखों में आंसू थे उसकी,

घर वालों के सामने मुस्करा रही थी वो,


बेबस थी, बड़ी कमज़ोर थी,

लड़ भी नहीं पाई,

अपने इश्क़ को बचाने की लड़ाई,

परिवार की खुशी के लिए करनी पड़ी सगाई,


अधूरा ही रह गया प्रेम मेरा,

एक दूजे के हो के भी हो न पाए,

मीरा - कृष्ण के जैसा !


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