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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama

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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama

हमारी पलकें

हमारी पलकें

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हमारी पलकें तो कभी भी, कहीं भी भीग जाती हैं।

ये पलकें दिल का आईना हैं, सब कुछ कह जाती हैं।


जब स्कूल के दोस्तों से बिछड़ो, तो ये भीग जाती हैं।

कभी पुराना दोस्त बरसों बाद मिले ये भीग जाती हैं।


जब बहन डोली में बैठकर विदा हो तो ये भीग जाती हैं।

जब भाई दूर देस नौकरी पर जाए, तो ये भीग जाती हैं।


कोई अपना हमसे रूठ जाए तो ये पलकें भीग जाती हैं।

कभी कभी हंसते हुए भी खुशी में पलकें भीग जाती हैं।



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