वैलेंटाइन डे
वैलेंटाइन डे
यह शरीर पर इतनी पट्टियां क्यों बंधी?
बस पूछ मत यार !!!!
यह दिल्लगी लगी-लगी बड़ी ज़ोर से लगी
कल तो तुम वैलेंटाइन मनाने गए थे?
या किसी बगदादी के यहाँ फस गए थे?
ऐसा वैलेंटाइन मनाकर आया हूँ
कियूँ कहो जान बचाकर आया हूँ
कल तेरी भाभी ने करी धुनाई
यह हालत उसने ही तो बनाई पर
भाभी तो तुझसे बहुत प्यार करती हैं
हां प्यार तो बहुत करती हैं पर
अपने मायके वालो से भी बात करती हैं !
इसीलिए पहले बिंदी लगाती थी
अब बेलन धरती हैं
मैं जिहादी बना यहाँ-वहाँ फिर रहा हूँ
कभी सास से तो कभी साले से डर रहा हूँ
इस वैलेंटाइन तुमने होटल में डिनर रखा था
वो तो ऑफिस की मोना को सेट कर रखा था
तुम भी दोस्त मेरी वाली भूल न दोहराना
वैलेंटाइन विश भी बीवी को ही करना
और बीवी के साथ ही मनाना !!!!