करवा चौथ बड़ी दुखदायी है
करवा चौथ बड़ी दुखदायी है
यह दिन साल में बस एक बार ही आता है
जब हर घर की छत पर चांद नजर आता है
हम जैसों के लिए बड़ी मुश्किल हो जाती है
चारों तरफ हुस्न की बहारें ही नजर आती है
दायें वाली को तो भगवान ने फुर्सत से बनाया है
बायें वाली का सौंदर्य तो मेनका से भी सवाया है
सामने वाली खिड़की में तो चांद का टुकड़ा रहता है
पीछे वाली भाभी का मूड हमेशा ही उखड़ा रहता है
हसीनों की महफिल सजती है घर की छतों पर
हजारों बिजलियाँ सी गिरती हैं मर्दों के दिलों पर
किसी की आंखें नशीली तो किसी की मुस्कान कातिल है
किसी की नागिन सी जुल्फों से दिल हमारा घायल है
चांदनी भी शीतल नहीं कर पाती तपते दिल को
ना कहीं चैन आये ना करार ही आये पल भर को
ये करवा चौथ का त्यौहार बन गया दुखदायी है
इसके कारण सारे आशिकों की शामत आयी है