लेखन एक शौक है और मेरी ताकत भी।लेखन से मुझे एक आत्मविश्वास मिलता है।
"कैसे भूल गए आज की तारीख! आज तो बाऊजी और माँ जी की शादी की......।" "कैसे भूल गए आज की तारीख! आज तो बाऊजी और माँ जी की शादी की......।"
अब वही शब्द इंसानियत को बयां कर रहा था। अब वही शब्द इंसानियत को बयां कर रहा था।
और इतना कहते हुए मुग्धा की आँखें नम हो गई। और इतना कहते हुए मुग्धा की आँखें नम हो गई।
ये टूटा फूटा मकान.... मुझे मेरे अपनों के साथ बिताये गये वो खुशी के पल याद दिलाता है ये टूटा फूटा मकान.... मुझे मेरे अपनों के साथ बिताये गये वो खुशी के पल याद दिलाता...
अगर मैं पूरी ज़िन्दगी आपके चरणों को धोकर पियूँ तो भी आपके उपकार को चुका नहीं सकता। दीदी, इससे प्यारा... अगर मैं पूरी ज़िन्दगी आपके चरणों को धोकर पियूँ तो भी आपके उपकार को चुका नहीं सकत...
"क्या घायल करेगी दुनिया उस पंख को जो हौंसलो की उड़ान भरता है कामयाबी उसके कदम चूमती है ज... "क्या घायल करेगी दुनिया उस पंख को जो हौंसलो की उड़ान भरता है कामयाबी उसक...